ज्ञान के बीज, अनुभव की फसल

आबूरोड । सेंट जॉन्स स्कूल, आबू रोड के किंडरगार्टन सेक्शन में 22 और 23 जनवरी को फॉर्म डे एक्टिविटी का भव्य आयोजन किया गया। इस अनूठी गतिविधि का उद्देश्य नन्हे बच्चों को कृषि और पशुपालन से परिचित कराना था ताकि वे बचपन से ही हमारे किसानों और उनके योगदान को समझ सकें।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के मल्टीमीडिया हॉल को एक जीवंत फार्म के रूप में परिवर्तित किया गया। खेत, जानवरों, झोपड़ियों और अन्य ग्रामीण संरचनाओं के आकर्षक कट-आउट लगाए गए। छोटे-छोटे स्टॉल्स पर बच्चों को खेती से जुड़ी प्रक्रियाओं, डेयरी उत्पादों, पोल्ट्री फार्म और मछली पालन के बारे में सरल और रोचक तरीके से समझाया गया।
बच्चों को फार्म जानवरों की भोजन आवश्यकताओं और उनकी उपयोगिता की जानकारी दी गई। इस दौरान बच्चों ने न केवल सीखने का आनंद लिया। बल्कि अपनी रचनात्मकता को भी व्यक्त किया। सभी बच्चे विभिन्न फार्म जानवरों,] किसानों, फल-सब्जी विक्रेताओं आदि की वेशभूषा में सज-धज कर आए। जिससे पूरे माहौल में जीवंतता आ गई।
बच्चों के लिए कई रचनात्मक गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। जिनमें उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इनमें पेपर ग्लास से गाय बनाना, बोतल से किटन बनाना, छाया जानवरों के माध्यम से कहानियाँ सुनाना, और पेपर क्राफ्ट जैसे मनोरंजक कार्य शामिल थे। इन गतिविधियों ने बच्चों को न केवल अपनी कलात्मकता दिखाने का मौका दिया। बल्कि उनकी सृजनात्मकता और मोटर स्किल्स को भी बढ़ावा दिया।
कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रधानाचार्या श्रीमती उमा श्याम ने किंडरगार्टन शिक्षिकाओं श्रीमती दीपाली अग्रवाल, श्रीमती मधु शर्मा, श्रीमती सपना शर्मा, श्रीमती प्रेरणा राय और श्रीमती नीतू वर्मा को उनके समर्पण और मेहनत के लिए बधाई दी। साथ ही अरुण घोष के अनूठे रचनात्मक कौशल की सराहना की। जिन्होंने फार्म का निर्माण इतने सुंदर और सजीव ढंग से किया।
फार्म डे ने बच्चों को खेल-खेल में सीखने का अद्भुत अवसर दिया। यह न केवल उनके ज्ञान का विस्तार करने में सफल रहा। बल्कि उनमें कृषि और ग्रामीण जीवन के प्रति सम्मान की भावना भी उत्पन्न की। इस गतिविधि ने बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बनाया।
प्रधानाचार्या ने इस प्रकार की गतिविधियों को बच्चों की शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि यह उनकी जिज्ञासा और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करता है।