लावारिस अवस्था में मिला 7 वर्षीय बालक, सकुशल पारिवारिक पुनर्वास

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आबूरोड। रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस बल को एक 7 वर्षीय बालक अकेले एवं लावारिस हालत में मिला। प्रारंभिक पूछताछ में ज्ञात हुआ कि बालक किसी अन्य स्टेशन पर अपने परिजनों से बिछड़ गया था और गलती से आबूरोड आ पहुंचा।
रेलवे पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए बालक को बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सुश्री रतन बाफना के निवास पर प्रस्तुत किया गया। वहाँ सुश्री बाफना ने बालक से स्नेहपूर्वक वार्ता की, जिसमें बालक ने अपने माता-पिता के नाम और मोबाइल नंबर बताए। प्राप्त जानकारी के आधार पर तत्काल बालक के पिता से संपर्क किया गया। पुत्र की कुशलता की जानकारी मिलते ही परिजनों की भावनाएं उमड़ पड़ीं और फोन पर बालक की अपने परिजनों से बात कराई गई। यह क्षण अत्यंत भावुक रहा, जिसमें बालक एवं उसके परिवारजन दोनों ही भाव-विभोर हो गए।
रात्रि में ही समिति अध्यक्ष द्वारा बालक को अस्थायी रूप से राजकीय किशोर गृह में शेल्टर देने के आदेश प्रदान किए गए, ताकि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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अगले दिन, दिनांक 12 अप्रैल 2025 को बालक के पिता बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थित हुए। सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच एवं सत्यापन के पश्चात समिति सदस्य प्रकाश माली द्वारा बालक को विधिवत रूप से उनके सुपुर्द किया गया। बालक को अपने पिता से मिलते ही अत्यधिक भावुक होते हुए वह रो पड़ा। यह दृश्य उपस्थित सभी लोगों के लिए अत्यंत मार्मिक रहा।
इस पुनीत कार्य में बाल कल्याण समिति के साथ-साथ कई अन्य अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का भी योगदान रहा, जिनमें राजकीय किशोर गृह के अधीक्षक रणछोड़ कुमार, संरक्षण अधिकारी कन्हैया लाल, सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र कुमार, चाइल्ड हेल्पलाइन कोर्डिनेटर मनोहर सिंह एवं केस वर्कर हिमांशु प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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