राजस्थान का एक मात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल जहां धूमना किसको पसंद नहीं है यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, वन्य जीवों व वनस्पतियों की विविधता सभी को अपनी और आकर्षित करती है जिस कारण हर वर्ष पर्यटको की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके फलस्वरूप यहाँ अंधाधुंध नए निर्माण हो रहे है जबकि यहाँ नए निर्माणों पर रोक लगी हुई है केवल आवशयक रेनोवेशन की ही स्वीकृति नियमो के अंतर्गत दी जाती है लेकिन यहाँ स्थानीय प्रशासन की मौन स्वीकृति के कारण नए निर्माणों का जाल चारों ओर बिछ रहा है। ऐसा ही एक ओर मामला सिरोही मिरर न्यूज़ को देखने को मिला है। माउंट आबू में पेट्रोल पंप के सामने रॉयल गार्डन के पीछे तीन चार नए कमरों का निर्माण हुआ है इसके बारे में जब रॉयल गार्डन के मालिक संजय सिंघल से पूछा गया की यह निर्माण आप द्वारा किया गया है तो उन्होंने इस पर कोई विशेष टिपप्णी नहीं की लेकिन यह जरूर बताया की उन्होंने भी चार कमरे बनाये है। जो पहले टूटे हुए थे और लक्ष्मी विलास में भी कार्य चल रहा है लेकिन sdm साहब की परमिशन है। संजय सिंघल ने यह भी बताया की आबू में 80 प्रतिशत काम कब्जे और अवैध निर्माण के चल रहे है हमारे जैसे तो 20 प्रतिशत काम ही हो रहे हैं। अब आप ही अनुमान लगा दीजिये की आबू में किया चल रहा है जिस तरह से इन अंधाधुन नए निर्माणों का होना माउंट आबू के पर्यावरण के लिए सुरक्षित नहीं है। न्यायालयो और NGT के आदेशों की पालना नहीं हो रही है तो आबू के अस्तित्व को बचाने के लिए चिंतन और ठोस कार्यवाही ज़रूरी है। तभी हम आबू का अस्तित्व बचा पाएंगे।