आम जन परेशान, धन्नासेठों की बल्ले-बल्ले

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सिरोही मिरर न्यूज़। हितेंद्र सिंह चौहान/ग्राउंड रिपोर्ट – माउंट आबू

प्राकृतिक सौंन्दर्य एवं अपने वन्य जीवों व वनस्पतियों की विविधता के लिए विख्यात आबू पर्वत की वर्तमान स्थिति काफी चिंतनीय है। आबू में न्यायालय व एन जी टी द्वारा नए निर्माण पर रोक लगाई हुई है और सिर्फ आवश्यक रेनोवेशन की ही अनुमति दी गई है वह भी नगर पालिका आबू पर्वत के द्वारा पूरी प्रकिया के बाद ही उपखण्ड अधिकारी द्वारा रेनोवेशन की अनुमति दी जाती है लेकिन यहाँ के धन्नासेठों की भूख इतनी बढ़ गई है की रेनोवेशन के नाम पर नए निर्माण धड़ल्ले से जारी है इन धन्नासेठों पर आबू पर्वत के प्रशासन का पूरा आशीर्वाद है जिसके चलते प्राकृतिक सम्पदा के साथ खिलवाड़ करना मानो अंगुली से चुटकी बजाने जैसा है वही यहाँ के स्थानीय लोग जो इन धन्नासेठों जैसे मालदार नहीं है जिसके चलते इन लोगो की आवश्यक रेनोवेशन की फाइल नगर पालिका या उपखण्ड कार्यालय में धूल खा रही है और वही रेनोवेशन के नाम इन धन्नासेठों पर आबू प्रशासन की पूरी मेहरबानी दिख रही है जबकि आबू इको सेंसेटिव जोन की श्रेणी में आता है जिसके लिए वन विभाग की अनुमति जरुरी होती है वन विभाग या तो अपनी जिम्मेदारी से आँखे मूंद रहा है या फिर स्थानीय प्रशासन वन विभाग को नगण्य मान रहे है जबकि वन विभाग की अनुमति अति आवश्यक है जो विचारणीय है।

सिरोही मिरर की अपील “आबू बचाओ”
आबू वासियो से अपील अपने आस पास कोई ऐसा अवैध निर्माण व अनैतिक कार्य जो न्यायालय व एन जी टी के आदेशों की अवहेलना करता है उसकी फोटो या विडिओ हमें व्हाट्सप्प +919672923483 करे। आपका नाम और सूचना गोपनीय रखी जाएगी साथ ही इसे जिम्मेदार तक पहुंचाई जाएगी ताकि आपकी समस्या का समाधान हो सके।

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