देश में टैक्स व्यवस्था को सरल और प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने जीएसटी-2 प्रणाली को शुरू किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे बचत उत्सव कहा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे आम नागरिकों के लिए बड़ा तोहफा बताया। हर आम आदमी के जेब पर इसका क्या असर होगा? क्या सब्जी, दूध से लेकर मोबाइल और कार तक की कीमतें कम होंगी? या फिर यह केवल कागज का खेल है? इस आर्टिकल में जानेंगे जीएसटी-2 के पीछे की पूरी कहानी, जिससे आपको बाजार की सच्चाई समझ आ जाएगी।
जीएसटी-2 क्या है नया? जीएसटी-2 के तहत पुरानी चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को कम कर सिर्फ दो स्लैब – 5% और 18% पर लाया गया है। वहीं, लक्जऱी और मादक वस्तुओं के लिए 40% टैक्स रखा गया है। इसका मकसद है टैक्स सिस्टम को ज्यादा सरल बनाना, भागदौड़ कम करना और रोज के सामान पर टैक्स कम करके महंगाई भी कम करना। सरकार ने कई जरूरी वस्तुओं जैसे दाल, आटा, दूध, दवाइयां को टैक्स छूट दी है या कम कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स, छोटे वाहन, और घर की कई जरूरी चीजों के टैक्स में भी कटौती की गई है। आमजन को मिलेगी ये राहत रसोई घर की रोजमर्रा की चीजों पर 5% या 0% टैक्स लगेगा, जिससे तेल, आटा, दूध आदि की कीमतों में कमी आएगी। दवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं पर टैक्स घटा कर इलाज और दवा महंगे नहीं होंगे। छोटे वाहन जैसे मोटरसाइकिल और कार 18% टैक्स पर मिलेंगे, जो पहले 28% था। इससे गाडय़िों की कीमतों में गिरावट आएगी। कृषि उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, उर्वरक, और सिंचाई मशीनों पर टैक्स घटाया गया है, जिससे किसानों को मदद मिलेगी। छोटे व्यापारियों को अब टैक्स रिटर्न देने में आसानी होगी, कई बार रिटर्न भरने की जरूरत खत्म हो जाएगी। टैक्स कटौती से बाजार में बदलाव कुछ बडे ब्रांड्स जैसे मारुति, महिंद्रा ने कीमतें कम करना शुरू कर दिया है। स्नरूष्टत्र कंपनियां भी उपभोक्ताओं को सस्ते पैकेज देने लगी हैं। अमूल और मदर डेयरी जैसे राष्ट्रीय ब्रांड्स ने दूध के दाम गिराए हैं। ऐसे में बाजार में छोटी-छोटी वस्तुओं की कीमतें गिर रही हैं। हालांकि, पेट्रोल-डीजल और बिजली जैसी जरूरी सेवाओं पर फिलहाल कोई टैक्स नहीं बदला है, इसलिए इन चीजों के दाम में राहत नहीं मिली। आम लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सरकार ने इसे बड़ी राहत बताया है, लेकिन जमीन पर इस राहत का असर धीरे-धीरे दिख रहा है। ग्रामीण और छोटे शहरों के कई लोग मानते हैं कि टैक्स नियमों की समझ कम है, इसलिए अभी पूरे फायदे की उम्मीद बाद में लगती है। बडे शहरों में कुछ लोगों ने देखा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन की कीमतों में कटौती आई है। किराना दुकानदार अब ऑनलाइन रिटर्न आसानी से भर पा रहे हैं और टैक्स प्रक्रिया में पारदर्शिता आ रही है। विशेषज्ञ क्या कहते हैं? आर्थिक जानकार कहते हैं कि जीएसटी-2 एक सही दिशा है क्योंकि यह कर प्रणाली को सहज और कम्प्यूटरीकृत करता है। प्रोफेसर सीमा द्विवेदी के अनुसार, सरकार ने जरूरी चीजों पर टैक्स घटाकर घरेलू खर्च को नियंत्रित करने की कोशिश की है, जिससे मध्यम वर्ग को मदद मिलेगी। लेकिन टिकाऊ राहत के लिए कीमतों में स्थिरता जरूरी है। निष्कर्ष जीएसटी-2 नीति निश्चित रूप से आमजन के लिए राहत का एक बड़ा पैकेज है, खासकर घरेलू उपयोग के सामान पर। टैक्स प्रणाली का सरलीकरण व्यापारी वर्ग के लिए भी खुशखबरी लेकर आया है। लेकिन राहत तभी पूरी मानी जाएगी जब इसकी छाया सीधे महंगाई को कम करने में दिखे। फिलहाल यह बचत उत्सव की शुरुआत है, जिसका सुखद परिणाम आने वाले महीनों में उपभोक्ताओं की जेब में नजर आएगा।