न्याय नहीं तो, मजबूरन मतदान का बहिष्कार

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मृतका जेतल कुमारी के ससुर का कहना कि मातृ छाया हॉस्पिटल में मेरी बहु की मृत्यु हुए लगभग एक माह बीत चुका है लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाही नहीं हो पाई। स्थानीय पुलिस प्रशासन समझौते में लगा हुआ है तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी एफ एस एल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे है। साथ ही प्रशासन द्वारा जिला कलक्टर को समझौते की झूठी रिपोर्ट देकर गुमराह किया गया। हालांकि पीडित पक्ष द्वारा बताया जाने पर मेडिकल कमेटी गठन करने के निर्देश जिला कलक्टर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए। मृतका जेतल कुमारी को न्याय में देरी के कारण उपखण्ड़ अधिकारी के मार्फत जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलक्टर सिरोही को ज्ञापन भेजकर बताया कि तत्काल प्रभाव से हॉस्पिटल प्रबंधक पर कार्रवाही की जाए। वही अगर समय रहते कार्रवाही नहीं की गई तो समस्त ग्रामवासी ऐसाउ व फुलेरा मजबूरन मतदान का बहिष्कार करेंगे।

क्या था मामला
जानकारी के अनुसार चिराग रावल पुत्र जगदीश रावल ने रिपोर्ट देकर बताया कि 5 अक्टूबर की रात को उनकी पत्नी जेतल कुमारी को प्रसव के लिए शहर के मातृछाया अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां पर चिकित्सक कल्पना डामोर ने जेतल का सिजेरियन प्रसव करवाया लेकिन इस दौरान जेतल की मृत्यु हो गई। इस पर चिकित्सक कल्पना डामोर व अस्पताल प्रबंधक भरतपाल चौधरी ने आनन फानन में उदयपुर के लिए रेफर किया, जहाँ पर चिकित्सको ने जेतल को मृत घोषित किया। इस पर मेरा शक यकीन में बदल गया कि मेरी पत्नी की मृत्यु अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुई हैं और साथ ही अस्पताल प्रबंधन में उदयपुर रेफर के बाद नवजात शिशु को भी छुट्टी दे दी।
अस्पताल का झूट उजागर
चिराग रावल ने पुलिस थाना पिंडवाड़ा में दी रिपोर्ट में बताया की जब उसकी पत्नी को उदयपुर रेफर किया गया और उसके पीछे ही अस्पताल प्रबंधन ने एक घन्टे बाद ही नवजात को छुट्टी दे दी और प्रसव संबंधित दस्तावेज अपने पास रखते हुए उन्हें बताया गया कि आपके कागज उदयपुर चिकित्सक को ईमेल कर दिए गए है लेकिन उदयपुर जाने पर पता चला कि चिकित्सक को कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए है।
समाज के लोगो का प्रदर्शन
प्रसूता जेतल कुमारी की मृत्यु की जानकारी मिलते ही समाज के लोगो ने एकजुटता दिखाते हुए पिंडवाड़ा सीएचसी में सेकड़ो की संख्या में लोग एकत्रित हुए तथा अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही करने व अस्पताल को सीज करने की माँग करने लगे। सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजेश सोनी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश कुमार, उपखण्ड अधिकारी रविप्रकाश, सीईओ पिंडवाड़ा जेठू सिंह करनोत, सीआई सीताराम, बीसीएमओ भूपेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और उपस्थित लोगों से समझाइश कर शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाया। वही देर शाम को उपस्थित समाज द्वारा गठित टीम व अस्पताल प्रबंधन के प्रतिनिधि द्वारा समझौता वार्ता के बाद शव परिजनो को सुपुर्द किया गया।
स्थानीय पुलिस प्रशासन कर रहा है समझौते की बात
मृतका के ससुर का कहना है कि स्थानीय पुलिस द्वारा समझौते की बात की जा रही है। हमें समझौता नहीं न्याय चाहिए। जबकि पुलिस थाना पिंडवाडा के थानाधिकारी सीताराम से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मैं स्वयं जांच कर रहा हुँ। ऐसी कोई बात नहीं है मेडिकल कमेटी की जांच डाक्टर के खिलाफ आ जाती है तो मर्म एफ आई आर में कन्वर्ट होकर मुकदमा दर्ज हो जाएगा।
दस्तावेजो को छुपा रहा है हॉस्पिटल
मृतका के ससुर का कहना है कि हमको मातृछाया हॉस्पिटल की ओर से मृतका के एडमिट से लेकर रेफर तक सभी प्रकार के उपचार से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं दिए गए। जबकि हॉस्पिटल प्रबंधक भरत बैंदा का कहना है कि हमने सारे दस्तावेज हार्ड कॉफी व वाट्सअप के द्वारा मृतका के पति व विभाग को दे दिए है और मेरे पास इसके सबूत है। जब सिरोही मिरर द्वारा वाट्सअप की कॉफी जो कि मृतका के पति को दी है वह मांगी तो कहा कि मैं बाहर हँू।
रिपोर्ट का इंतजार
मृतका के ससुर ने बताया कि 7 अक्टूबर 2023 को समाज बंधुओं और प्रशासन के समक्ष हमें यह आश्वासन दिया गया कि उपखण्ड़ अधिकारी की देखरेख में मेडीकल टीम गठित कर सप्ताह भर में हॉस्पिटल की जांच करवाई जाएगी। इसी क्रम में पीडित परिवार जिला कलक्टर से भी मिला। तो जिला कलक्टर ने कहा कि आपका मामला तो आपसी सहमति से खत्म हो गया है लेकिन जब पीडित ने अपनी आप बीती बताई तो जिला कलक्टर ने तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दूरभाष पर वार्ता कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और तत्काल प्रभाव से मेडिकल कमेटी गठन करने के निर्देश दिए। पिण्डवाडा एस डी एम ने बताया कि कमेटी का गठन हो चुका है। अब एफ एस एल रिपोर्ट का इंतजार है जो उदयपुर से आनी है। हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरोही ने बताया कि कार्मिकों की कमी से एफ एस एल रिपोर्ट आने में देरी हो सकती है।
न्याय में देरी, मतदान का बहिष्कार
पिंडवाडा के समीपवर्ती ग्राम ऐसाउ की बेटी जेतल कुमारी घटना में समय पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाही नहीं करने के विरोध में ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनावों मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। जानकारी के अनुसार गांव ऐसाउ और फुलेरा के लोगो ने उपखण्ड अधिकारी पिण्डवाडा के मार्फत जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलक्टर सिरोही को ज्ञापन भेजकर बताया कि 7 अक्टूबर 2023 को मातृछाया हॉस्पिटल की लापरवाही के कारण जेतल कुमारी की मृत्यु हो गई जिससे पूरे समाज में आक्रोश है। समाज बंधुओं और प्रशासन के समक्ष हमें यह आश्वासन दिया गया कि उपखण्ड़ अधिकारी की देखरेख में मेडीकल टीम गठित कर सप्ताह भर में हॉस्पिटल की जांच की कार्रवाई की जाएगी। जिसको लेकर पुलिस ने भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को टीम घटित करने के लिए लिखा था। लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी की हर्ठधर्मिता कहें या लापरवाही के कारण आज दिन तक मेडिकल टीम का गठन नहीं हो पाया है। जिसको लेकर एक महिला को न्याय मिलने में विलम्ब हो रहा है। जिसको लेकर पीडित पक्ष व रावल ब्राह्मण समाज के लोगो ने स्थानीय व जिला प्रशासन के समक्ष कई मर्तबा चक्कर लगाये, लेकिन मेडिकल टीम द्वारा जांच करवाने का मात्र आश्वासन ही मिल पाया है। अभी तक क्या कार्रवाही हुई है या हो रही है पीडित व समाज के लोगो को अवगत नहीं कराया है। जिसको लेकर ग्राम पंचायत अजारी के गांव ऐसाउ व पेशुआ ग्राम पंचायत के गांव फुलेरा के लोगो ने तत्काल प्रभाव से हॉस्पिटल के विरूध जांच कमेटी गठन करने, सीजेरियन के संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करवाने, हॉस्पिटल को जो स्वीकृति चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जारी की है क्या वह उप मापदण्ड पर संचालित हो रहा है, अगर नहीं हो रहा है तो आरोपियों को तत्काल प्रभाव से गिरप्तार कर कानूनी कार्रवाही करने एवं मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट जल्द से जल्द मंगवाई जाए तथा रिपोर्ट होने पर तत्काल कार्रवाही की जाए। वही अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाही नहीं की तो समस्त ग्रामवासी मजबूरन मतदान का बहिष्कार करेंगे।

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