मातृछाया अस्पताल की लापरवाही से महिला की मौत, नवजात शिशु को भी दे दी छुट्टी
पिंडवाड़ा। शहर में स्थित मातृछाया अस्पताल में प्रसूति के दौरान महिला सिजेरियन के बाद मृत्यु हो गईं। और नवजात शिशु को जन्म के बाद ही छुट्टी दे दी गई। परिजनो व समाज के लोगो ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया तथा आनन फानन में रेफर करने की बात बताई।
जानकारी के अनुसार चिराग रावल पुत्र जगदीश रावल ने रिपोर्ट देकर बताया कि 5 अक्टूबर की रात को उनकी पत्नी जेतल कुमारी को प्रसव के लिए शहर के मातृछाया अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां पर चिकित्सक कल्पना डामोर ने जेतल का सिजेरियन प्रसव करवाया लेकिन इस दौरान जेतल की मृत्यु हो गई। इस पर चिकित्सक कल्पना डामोर व अस्पताल प्रबंधक भरतपाल चौधरी ने आनन फानन में उदयपुर के लिए रेफर किया, जहाँ पर चिकित्सको ने जेतल को मृत घोषित किया। इस पर मेरा शक यकीन में बदल गया कि मेरी पत्नी की मृत्यु अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुई हैं। और साथ ही अस्पताल प्रबंधन में उदयपुर रेफर के बाद नवजात शिशु को भी छुट्टी दे दी।
अस्पताल का झूट उजागर
चिराग रावल ने पुलिस थाना पिंडवाड़ा में दी रिपोर्ट में बताया की जब उसकी पत्नी को उदयपुर रेफर किया गया और उसके पीछे ही अस्पताल प्रबंधन ने एक घन्टे बाद ही नवजात को छुट्टी दे दी और प्रसव संबंधित दस्तावेज अपने पास रखते हुए उन्हें बताया गया कि आपके कागज उदयपुर चिकित्सक को ईमेल कर दिए गए है लेकिन उदयपुर जाने पर पता चला कि चिकित्सक को कोई दस्तावेज प्राप्त नही हुए है।
समाज के लोगो का प्रदर्शन
प्रसूता जेतल कुमारी की मृत्यु की जानकारी मिलते ही समाज के लोगो ने एकजुटता दिखाते हुए पिंडवाड़ा सीएचसी में सेकड़ो की संख्या में लोग एकत्रित हुए तथा अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही करने व अस्पताल को सीज करने की माँग करने लगे। सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजेश सोनी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश कुमार, उपखण्ड अधिकारी रविप्रकाश, सीईओ पिंडवाड़ा जेठू सिंह करनोत, सीआई सीताराम, बीसीएमओ भूपेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और उपस्थित लोगों से समझाइश कर शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाया। वही देर शाम को उपस्थित समाज द्वारा गठित टीम व अस्पताल प्रबंधन के प्रतिनिधि द्वारा समझौता वार्ता के बाद शव परिजनो को सुपुर्द किया गया।